की तेरे अश्को की कहानी है,
अरमानो की कुर्बानी , सुनाता खारा पानी है.
मोतीयों सा सुनेहरा तेरा अक्स,
और कीमत लगती यह दुनिया सारी है.
मिला तुझे जो वो नसीब तेरा,
और वो तेरे लकीरों की कारिस्तानी है.
यह तेरा जीवन ही कुर्बानियों की कहानी है.
खारे पानी सा भीगा दामन और ,
चूल्हे के धुएँ से डरबरती आँख
कप्कपाते हांत सेक्ते रोटियाँ .
फिर भी नसीब में केवल पानी है.
सिंदूर का रंग तन पे उतरता हुआ.
फिर भी तू सिरहाने बैठ ,अपनी लकीरों को देख
सोनचती , की तेरा जीवन क्या कुर्बानियों की कहानी है.
कोख अपनी , तुझको ाश्क़ दिलाती हुई,
खारे पानी में भी तू ममता लुटाती हुई.
हलवाई का चूल्हा लीप उसका पेट पालती हुई
और अपने नसीब का पानी जुटाती हुई
खारे पानी में मोती की तरह उभरती हुई ,
की तेरी ज़िंदगी, अरमानो की कहानी सुनाती हुई.
2 comments:
next time increase the font size before posting in hindi.Tumne google transliteration use kiya hai naa... now it is available offline as well
I join. I agree with told all above. We can communicate on this theme.
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